Saturday 1 February 2014

अब के बिछड़े तो जाने फिर मुलाकात हो न हो ,
जिन्दगी में जाने फिर साथ हो न हो
जब अपनी  अपनी मंजिलो की तरफ हम जायेंगे
शक्लों की भीड़ में हम भी खो जायेंगे ..

जब दिल कहे चलो वहां जहाँ कोई अपना था
तो दिल से कहना की वो तो कुछ साल पहले
का लम्बा सपना था '

गिरने न देना अश्क का कोई टुकड़ा अपनी आँख  से
जाना ही होता है बहार को एक दिन बाग़ से
खिलते है जो फूल एक ही शाख पर
टूटकर जाते है वो अलग अलग हाँथ में
इन सभी बातों को तुम अपने दिल के पास रखना
भूल भी जाओ तो इतना याद रखना कोई  था
जो हमेशा टेंशन फ्री लाइफ की बात करता था
तुम्हारे दिल के कोने में कोई "नीरज " रहता था

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