Sunday 23 February 2014

मेरा इश्क हो और तेरा हुस्न हो

                  मेरा इश्क हो और तेरा हुस्न हो
मेरा इश्क हो तेरा हुस्न हो , तो फिर इश्क ओ हुस्न की बात हो |

कभी मैं मिलूँ कभी तू मिले , कभी हमारी मुलाकात हो |
कभी तू हो चुप कभी मैं  हूँ चुप , कभी दोनों ही चुपचाप हो |
कभी ज़िक्र हो तेरा कोई बात हो , कभी ख़ामोशी कभी गुफ्तगू हो |
कभी मैं तेरा कभी तू मेरी , कभी एक दूजे के सिर्फ हम हो |
कभी साथ मैं तेरे कभी  साथ तू मेरे , कभी साथ एक दूजे के हम हो |
कभी सोहबतें कभी रंजिशें ,कभी नजदीकियां कभी तन्हा करवटें हो |
कभी उल्फतें कभी नफरतें , कभी जीत हो कभी हार हो |
कभी फूल हो कभी धुल हो नसीब में कभी याद रहे कभी भूल हो |
राहें मुस्कराती प्यार में खिलते फूल बन  कर बहार में |
न ज़मीन कोई , न फलक कोई , न वजूद हो न ही जात हो |


                    
----------------------  सिर्फ -----------------------------


           मेरा इश्क हो और तेरा हुस्न हो 
           मेरा इश्क हो और तेरा हुस्न हो



 

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